नौकरी ना करी, और करी तो ना, ना करी

आइए हम जानने की कोशिश करते हैं उन अंतर्निहित मायनों की जो नौकरी करने के दौरान एक अधिकारी और उनके मातहत के बीच हुए संवाद से उत्पन्न होते हैं। अधिकारी वर्ग एक ऐसा वर्ग है जिसके पास सिर्फ और सिर्फ अधिकार ही होते हैं। प्रजातंत्र में यह कहना उचित नहीं होगा कि बाकियों के पास […]