रविवारीय: संयोग

आप इसे महज संयोग कह सकते हैं। पर, एक सच्चाई तो है। हम और हमारी उम्र और उसके आसपास के हम सभी लोग विश्व परिदृश्य में हो रहे या हो चुके अहम बदलावों के प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं। वाहक भी रहे हैं। और इन बदलावों को वर्तमान में अनुभव भी कर रहे हैं । बदलाव से […]