Manu Kahin

रूद्राक्ष का वृक्ष

अहाते में शान से खड़ा, हमारी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा, हम सबों की आस्था का प्रतीक रूद्राक्ष का वृक्ष था वो। कुछ ही क्षण पहले

जिंदगी का नया मोड़

जिंदगी हर वक्त एक नया मोड़ ले लेती है। आप सिर्फ और सिर्फ भौतिक चीज़ों में उलझकर रह जाते हैं, और जब तक आप कुछ

 गुज़रा हुआ ज़माना

गुज़रा हुआ ज़मानाआता नहीं दोबाराहाफ़िज़ ख़ुदा तुम्हारा पचास के दशक में आई मधुबाला और प्रदीप कुमार अभिनीत फ़िल्म शीरीं फरहाद का यह चर्चित गीत आज फिर से

मशहूर होने का पागलपन

हर व्यक्ति पर एक पागलपन सा सवार है येन केन प्रकारेण मशहूर होने का। जान जोखिम में डालकर रील बनाईं जा रही हैं। आए दिन

 बेहतरीन गायक एवं बिहार के नए पुलिस महानिदेशक आलोक राज के 

मृदुभाषी, सौम्य, अनुशासित जीवन शैली और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी हरदिल अज़ीज़ आलोक राज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। संगीत इनकी रगों में बहता

मनु की बात

आइए आज मैं  मनु की बात करता हूं। मनु, एक साधारण नौकरीपेशा व्यक्ति जो अपने सपने की दुनिया में जीता है…अपने पैशन को जीता है। 

रूद्राक्ष का वृक्ष

अहाते में शान से खड़ा, हमारी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा, हम सबों की आस्था का प्रतीक रूद्राक्ष का वृक्ष था वो। कुछ ही क्षण पहले

जिंदगी का नया मोड़

जिंदगी हर वक्त एक नया मोड़ ले लेती है। आप सिर्फ और सिर्फ भौतिक चीज़ों में उलझकर रह जाते हैं, और जब तक आप कुछ

 गुज़रा हुआ ज़माना

गुज़रा हुआ ज़मानाआता नहीं दोबाराहाफ़िज़ ख़ुदा तुम्हारा पचास के दशक में आई मधुबाला और प्रदीप कुमार अभिनीत फ़िल्म शीरीं फरहाद का यह चर्चित गीत आज फिर से

मशहूर होने का पागलपन

हर व्यक्ति पर एक पागलपन सा सवार है येन केन प्रकारेण मशहूर होने का। जान जोखिम में डालकर रील बनाईं जा रही हैं। आए दिन

 बेहतरीन गायक एवं बिहार के नए पुलिस महानिदेशक आलोक राज के 

मृदुभाषी, सौम्य, अनुशासित जीवन शैली और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी हरदिल अज़ीज़ आलोक राज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। संगीत इनकी रगों में बहता

मनु की बात

आइए आज मैं  मनु की बात करता हूं। मनु, एक साधारण नौकरीपेशा व्यक्ति जो अपने सपने की दुनिया में जीता है…अपने पैशन को जीता है। 

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