रविवारीय: बंदर का बच्चा

बंदर के बच्चे से भला कैसा लगाव?  अहले सुबह सिसकियों की आवाज़ से मेरी नींद टूटती है। ऐसा लगा मानों कोई व्यक्ति रो रहा है। कुछ देर तक तो मुझे लगा भ्रम है। पर, सिसकियां लगातार जारी थी। कमरे से बाहर निकल ज्योंहि बालकनी के पास आता हूं तो देखता हूँ बंदर का एक छोटा […]